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अड़तीसवां शतक
पहला उद्देशक महायुग्म-चतुरिन्द्रियों में उपपात-आदि-पद १. कृतयुग्म-कृतयुग्म-चतुरिन्द्रिय-जीवों के विषय में भी बारह शतक बतलाने चाहिए, केवल इतना अन्तर है-इन जीवों की अवगाहना जघन्यतः अंगुल-का-असंख्यातवां-भाग है, उत्कर्षतः चार गव्यूत है। इन जीवों की स्थिति जघन्यतः एक समय, उत्कर्षतः छह महीने हैं। शेष जैसा कृतयुग्म-कृतयुग्म-द्वीन्द्रिय-जीवों के विषय में बतलाया गया है वैसा बतलाना चाहिए। २. भन्ते! वह ऐसा ही है। भन्ते! वह ऐसा ही है।
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