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भगवती सूत्र
(ग्यारहवां शतक)
६१. नील-लेश्या वाले अभवसिद्धिक-एकेन्द्रिय-जीवों के विषय में भी शतक वक्तव्य है ।
(बारहवां शतक)
६२. कापोत-लेश्या वाले अभवसिद्धिक-एकेन्द्रिय-जीवों के विषय में शतक वक्तव्य है । इस प्रकार चारों ही अभवसिद्धिक-एकेन्द्रिय-जीवों के विषय में शतकों के नव-नव उद्देशक होते हैं। इस प्रकार ये बारह शतक एकेन्द्रिय-जीवों के विषय में होते हैं। (जो तेतीसवें शतक के अन्तर- शतक के रूप में बताए हैं ।)
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श. ३३ : श. ११-१२ : सू. ६१,६२