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भगवती सूत्र
श. १२ : उ. ४ : सू. ७९,८० संख्येय भागों में विभक्त होने पर एक ओर संख्येय स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर असंख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर संख्येय द्वि-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर असंख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है। इसी प्रकार यावत् अथवा एक ओर संख्येय दस-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर असंख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर संख्येय संख्येय-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर असंख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा संख्येय असंख्येय-प्रदेशी स्कंध होते हैं।
असंख्येय भागों में विभक्त होने पर असंख्येय स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल होते हैं। ८०. भंते ! अनन्त परमाणु-पुद्गल एकत्र संहत होते हैं, उस संहति से क्या निष्पन्न होता है ? गौतम ! अनन्त-प्रदेशी स्कंध निष्पन्न होता है। वह टूटने पर दो, तीन यावत् दस, संख्येय, असंख्येय और अनन्त भागों में विभक्त होता हैदो भागों में विभक्त होने पर एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर अनन्त-प्रदेशी स्कंध होता है यावत् दो अनन्त-प्रदेशी स्कंध होते हैं । तीन भागों में विभक्त होने पर एक ओर दो स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर अनन्त-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध, तीसरी ओर अनन्त-प्रदेशी स्कंध होता है यावत् अथवा एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर असंख्येय प्रदेशी स्कंध, तीसरी ओर अनन्त-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक
ओर स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर दो अनन्त-प्रदेशी स्कंध होते हैं अथवा एक ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर दो अनन्त-प्रदेशी स्कंध होते हैं। इसी प्रकार यावत् अथवा एक
ओर दस-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर दो अनन्त-प्रदेशी स्कंध होते हैं अथवा एक ओर संख्येय-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर दो अनन्त-प्रदेशी स्कंध होते हैं अथवा एक ओर एक असंख्येय-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर दो अनन्त-प्रदेशी स्कंध होते हैं अथवा तीन अनन्त-प्रदेशी स्कंध होते हैं। चार भागों में विभक्त होने पर एक ओर तीन स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर अनन्त-प्रदेशी स्कंध होता है। इसी प्रकार चतुष्क संयोग यावत् असंख्येय संयोग। जैसे असंख्येय-प्रदेशी स्कंध की वक्तव्यता वैसे ही अनन्त-प्रदेशी स्कंध की वक्तव्यता, इतना विशेष है अनन्त में एक अधिक वक्तव्य है यावत् अथवा एक ओर संख्येय संख्येय-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर अनन्त-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर संख्येय असंख्येय-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर अनन्त-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा संख्येय अनन्त-प्रदेशी स्कंध होते हैं। असंख्येय भागों में विभक्त होने पर एक ओर असंख्येय स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर अनन्त-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर असंख्येय द्वि-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर अनन्त-प्रदेशी स्कंध होता है यावत् अथवा एक ओर असंख्येय संख्येय-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर अनन्त-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर असंख्येय असंख्येय-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर अनन्त-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा असंख्येय अनंत-प्रदेशी स्कंध होते हैं। अनन्त भागों में विभक्त होने पर-अनन्त स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल होते हैं।
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