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(XVIII)
८३५ ८३५ ८३५ ८३६ ८३६ ८३७ ८३७ ८३८ ८३८ ८३८
१५
८३८
८३९ ८३९
८३९
८४०
८४१
८४१
शरीर-पद सप्रकम्प-अप्रकम्प-पद पुद्गल-पद मध्य-प्रदेश-पद पांचवां उद्देशक पर्यव-पद काल-पद निगोद-पद नाम-पद छट्ठा उद्देशक प्रज्ञापना-पद संग्रहणी गाथा वेद-पद राग-पद कल्प-पद चारित्र-पद प्रतिषेवणा-पद ज्ञान-पद तीर्थ-पद लिंग-पद शरीर-पद क्षेत्र-पद काल-पद गति-पद संयम-स्थान-पद निकर्ष-पद योग-पद उपयोग-पद कषाय-पद लेश्या-पद परिणाम-पद बन्ध-पद वेदन-पद उदीरणा-पद उपसंपद्-हान-पद
८०१ संज्ञा-पद ८०१ आहार-पद ८०२ भव-पद ८१५ आकर्ष-पद ८१५ काल-पद
अन्तर-पद ८१६ समुद्घात-पद ८१९ क्षेत्र-पद ८१९ स्पर्शना-पद ८१९ भाव-पद ८१९ परिमाण-पद ८१९ अल्पबहुत्व-पद ८२० सातवां उद्देशक ८२१ प्रज्ञापना-पद ८२१ वेद-पद ८२२ राग-पद ८२२ कल्प-पद ८२३ निर्ग्रन्थ-पद ८२३ प्रतिषेवणा-पद ८२४ ज्ञान-पद ८२४
तीर्थ-पद ८२४ लिंग-पद ८२५ ___ शरीर-पद
क्षेत्र-पद ८२७ काल-पद ८२८ गति-पद ८३० संयमस्थान-पद
निकर्ष-पद ८३० योग-पद ८३१ उपयोग-पद ८३२ कषाय-पद ८३२ लेश्या-पद ८३३ परिणाम-पद ८३३ बन्ध-पद ८३४ वेदन-पद
८४१
८४१
८४२
८४२
८४२
८४३ ८४३
८२६
८४३
८४३
८४४
८४५ ८४६
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८४७ ८४७ ८४८
८४८