SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 364
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आचार्य भिक्षु की रचनाएं श्रद्धारीचौपई अनुकंपारी चौपई नवपदार्थ आचाररीचौपई शीलरीनवबाड़ विरत अविरतरीचौपई निन्वरीचौपई मिथ्यातीरीकरणीरीचौपई निषेषांरीचौपई जिनाग्यारीचौपई पोतियाबंधरीचौपई कालवादीरी चौपई इन्द्रियवादीरीचौपई परजायवादी री चौपई टीकम डोसीरीचौपई एकलरीचौपई मोहणी करमबंधरी ढाल दशवें प्राछितरी ढाल जिण लखणा चारित आवे न आवे तिण री ढाल सूंस भंगावण रा फलरी ढाल गणधर सिखावणी संघकाजे चक्रवर्तीरी ढाल सांमधर्मी सांमद्रोहीरी ढाल श्रावक नाबारे व्रत समकित रीढालां उरणरी ढाल दानरीढालां वैरागरी ढालां जुआरी ढाल तात्त्विक ढालां ब्याहुलो विनीत अविनीतरीचौपई विनीत अविनीतरी ढाल अविनीत रास निन्व रास भरतरीचौपई जम्बू चरित धन्ना अणगाररीचौपई गोशालारीचौपई चेड़ा कोणकरी सिध चेलणा चोढ़ालियो सुदर्शन चरित नंद मणिहारोरो बखांण * सास बहू रोचोढालियो तामली तापस रो बखांण उदाईराजारोबखांण सुबाहु कुमाररोबखांण जिणरिख जिनपाल रो बखांण मृगा लोढ़ारो बखांण सकडाल पुतर रोबखांण तेतली प्रधानरो बखांण पुंडरिक कुंडरिक रोबखांण उंवरदत्तरोबखांण द्रोपदी रो बखांण मल्लीनाथ रो बखांण थावच्चापुतररो बखांण लिखतांरोसंग्रह भिक्षु पृच्छा तीन सौ छह बोलांरी हुण्डी 181 बोलांरी हण्डी जीवादि पदार्थ ऊपर पांचभावांरोथोकड़ो उदय-निष्पन्नादिकरा बोलां ऊपर पांच भावांरोथोकड़ो तेरा द्वार खुली चर्चा प्रश्नोत्तर पांच भावांरीचरचा जोगांरीचरचा आश्रव संवररीचरचा जिनाज्ञारी चरचा कालवादीरीचरचा इन्द्रियवादी रीचरचा द्रव्यजीव भावजीवरीचरचा निषेपांरी चरचा टीकम डोसीरीचरचा
SR No.032415
Book TitleAcharya Bhikshu Tattva Sahitya 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Ganadhipati, Mahapragya Acharya, Mahashraman Acharya, Sukhlal Muni, Kirtikumar Muni, Shreechan
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2011
Total Pages364
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy