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धेनू
धेनून्
धेन्वा
रुच्यै, रुचये
रुचिभ्यः रुच्याः, रुचेः " " रुच्योः
रुचीनाम् 7. रुच्याम, रुचौ
रुचिषु इस शब्द के चतुर्थी से सप्तमी तक एकवचन के दो-दो रूप होते हैं-एक 'लक्ष्मी' शब्द के समान तथा दूसरा 'हरि' के समान । इसी प्रकार 'स्तुति, मति, बुद्धि, शुचि' आदि शब्द चलते हैं।
उकारान्त स्त्रीलिंग 'धेनु' शब्द 1. धेनुः
धेनवः सम्बोधन (हे) धेनो धेनुम् धेनुभ्याम्
धेनुभिः धेन्वै, धेनवे
धेनुभ्यः धेन्वाः, धेनोः धेन्वोः
धेनुनाम् धेन्वाम्, धेनौ
धेनुषु इसी प्रकार रज्जु, हनु, तनु, लघु, इत्यादि स्त्रीलिंग शब्द चलते हैं।
इस शब्द के भी चतुर्थी से सप्तमी तक एकवचन के दो-दो रूप होते हैं, एक 'चमू' शब्द के समान तथा दूसरा 'भानु' शब्द के समान। इकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों से ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों में कौन-सा भेद है, तथा उकारान्त और ऊकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों में क्या भिन्नता है, इसका विचार पूर्वोक्त रूप देखकर करना चाहिए।
धकारान्त स्त्रीलिंग ‘समिध्' शब्द 1. समित् समिधौ
समिधः सम्बोधन (हे) "
समिधम् समिधा
समिद्भिः समिधे
समिद्भ्यः समिधः समिधोः
समिधाम् समिधि
समित्सु इसी प्रकार ‘सरित. हरित, भूभृत्, शरद्, तमोनुद्, वेभिद्, क्षुद्, चेच्छिद्, युयुध्, 127
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