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आत्मा के द्वारा आत्मा को देखें चेतना के दो रूप हैं१. द्रष्टा चेतना २. दृश्य चेतना-चेतना के पर्याय दीनता और उद्दण्डता, उदासीनता और प्रसन्नता, आरोग्य और रोगावस्था, भूख और तृप्ति, चंचलता और एकाग्रता-शुद्ध चेतना के द्वारा चेतना के इन शुद्ध और अशुद्ध पर्यायों को देखने का अर्थ है आत्मा के द्वारा आत्मा को देखना।
अत्तभावेण अत्ताणं, परिक्खेइ वियक्खणो। दीणयं कुद्धयं चेव, हिट्ठयं च पसण्णयं ।। आरोगत्तं आउरतं, छायत्तं पीणितत्तणं। विक्खित्तकं च एकत्तं दसधा संपधारए।।
अंगविज्जा
२ दिसम्बर २००६
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