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मन चंचल है ___ मन प्रवृत्त्यात्मक है इसलिए वह प्रकृति से चंचल है। मन की प्रवृत्ति भाव के अनुरूप होती है। जैसा भाव वैसी मन की प्रवृत्ति। भाव स्वयं परिणमनशील है। परिणमन का अर्थ है परिवर्तन। भाव बदलता रहता है और उसके आधार पर मन भी बदलता रहता है। तात्पर्य यह है कि मन की चंचलता भाव परिवर्तन के साथ जुड़ी हुई है। ___मन की चंचलता को भावशुद्धि के द्वारा कम किया जा सकता है।
१३ नवम्बर २००६
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