________________
भाव (३) भाव का एक प्रकार है-औदयिक भाव। क्रोध, मान, माया, लोभ और कामवासना ये सब कर्म के उदय से होने वाले भाव हैं। इन्हें शुद्ध चैतन्य की दृष्टि से नकारात्मक भाव भी कहा जा सकता है।
क्षायोपशमिक भाव, यह भाव का चौथा प्रकार है। इसका विकास होने पर ज्ञान, दर्शन, चारित्र आदि सकारात्मक गुणों का विकास होता है।
२१ मार्च २००६