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पाठ १६ : कर्म
शब्दसंग्रह कारागारम् (जेल) । खवाष्पम् (बर्फ, ओस) । कार्यालयः (काम करने का स्थान दफ्तर) । विचित्रालयः (अजायबघर, म्युजियम)। चिकित्सालयः (अस्पताल)। न्यायालयः (कचहरी) । न्यायाधीशः (जज) । लेखहार:, पत्रवाहकः (डाकिया) । पत्रालयः (डाकघर)। शुल्कशाला (चूंगीघर)। पण्यभोजनालयः (होटल)। बन्दी (कैदी)। उपशल्यम् (मैदान)। निगडम् (बेडी)। वादी (पूर्ववक्ता, मुद्दई (दावा करने वाला)। अक्षपटलः (दफ्तर) । उपचार: (आदर सूचक शब्द)। साक्षी (गवाह) । साक्ष्यम् (गवाही) । प्रतिभूः (जामिन, किसी की जमानत करने वाला) । प्रातिभाव्यम् (जमानत) । आवेदनपत्रम् (अर्जी) । उत्कोचः, उपदानम् (लंचा, घूस) । लेखकः (क्लर्क)। वाक्कीलः (वकील)। शिल्पगृहम् (कारखाना)। अनुग्रहः (बक्शीश)। कारागाराध्यक्षः (जेलर) । प्रतिवादी (मुद्दालय) । अभियोगः (मुकद्दमा) । दण्डः (सजा) । निबन्धपुस्तकः (रजिस्टर) । उपसत्तिः (बयान)। उपसर्जनम्, अन्वासनम् (कारखाना, शिल्पगृह)। प्रतिवादी (प्रतिवाद करने वाला) । प्रतिपक्षी, मुद्दालेह (जिस पर दावा किया गया हो) । कुसीद: (सूद) ।
अव्यय-निकषा (समीप) । समया (समीप)। हा (दुःख, खेद)। अन्तरा (बीच में)। अन्तरेण (बिना)। येन तेन (जैसे तैसे)। उपरि (ऊपर) । अधः (नीचे) । अधि (भीतर) । सर्वत: (चारों ओर) । उभयत: (दोनों ओर)। अभितः (चारों ओर)। परितः (चारों ओर)।
धातु-- हसे-हसने (हसति) हंसना । कटे-वर्षावरणयोः (कटति) वर्षा और आवरण । पथे-गती (पथति) जाना । मथे-विलोडने (मथति) मथना । मील-निमेषणे (मीलति) आंख मीचना। शील-समाधौ (शीलति) समाधि होना । जीव-प्राणधारणे (जीवति) प्राण धारण करना।
. गिर्, दिश्, उपानह शब्दों को याद करो (देखें परिशिष्ट १ संख्या २२, २४,६५)
____ हस और जीव धातु के रूप याद करो (देखें परिशिष्ट २ संख्या ६०, ६१) जिन धातुओं का 'ए' इत् जाता हो उनके रूप हस की तरह चलते हैं। मील, शील धातु के रूप जीव की तरह चलते हैं।