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परिशिष्ट २
३०७.
नृतीच पचंषन् पचिण्
4.
पट
पठ
पण पत्ल
पथे
पदंङ्च्
पर्दङ्
पलण्
पां
पांक
पिडिङ्
पिष्लुर्
पीच्
पीडण
नर्तने नाचना
वि ३५१,५२८,५५३,५७२ पाके
पकाना, रांधना सं ४७८,५२२,५५०,५७२ विस्तारे विस्तार करना सं ४७८ गतौ जाना
सं ४७८ व्यक्तायां वाचि पढना
वि ३३१,५१०,५४६,५७२ व्यवहारस्तुत्योः खरीदना
सं ४७८,५१६,५४६,५७२ पतने गिरना
सं ४७८,५२२,५५१,५७२ गतो जाना
सं ४७८ गतो जाना
सं ४७८,५३४,५५४,५७४ कुत्सित शब्दे अधोवायु निकलना सं ४७८,५१८,५४६ रक्षणे
रक्षा करना वि ४५३,५७४ पाने पीना
वि ३२१,५०८,५४६,५७४ रक्षणे
रक्षा करना सं ४७८,५७४ संघाते इकट्ठा करना सं ४७८,५१६,५४६ संचूर्णने पीसना
वि ३६२,५४२,५५७,५७४ पाने पीना
सं ४७८,५३४,५५४,५७४ पीडने
पीडा देना सं ४७८,५७४ पुष्टी पुष्ट करना x ५१४,५४८ पुष्टौ
पुष्ट करना सं ४७८,५३०,५५३,५७४
पुष्ट करना वि ४५१,५७४ विकसने विकसित होना x ४७८,५७४ पवने
साफ करना वि ४४३,५४४,५५७,५७४ पवने
पवित्र करना सं ४७८,५७४ पूजायाम् पूजना
वि ४५२,५४४,५७४ आप्यायने पूरणं करना सं ४७८,५७४ आप्यायने
४७८,५३४,५५५,५७४ वृद्धौ बढना
सं ४७८ पालनपूरणयोः पालन करना
४७८,५७४ व्यायामे व्यायाम करना
५४०,५५६ प्रीती प्रसन्न होना सं ४७८,५३६,५५५ संपर्चने मिश्रण करना x ५२६,५५२ संपर्के मिश्रण करना
५४२,५५७,५७४ पूरा करना सं ४७८
पुष पुषच् पुषश् पुष्पच पून्श्
पुष्टी
पूजण
4.
4.
पूरण पूरीच् पूष पुंक पृञ् .
4.
पृत्
पृचीकू पृचीर्
4.xx
पृण
पूरणे