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________________ ६४ - ८, २६, ७० -४७ जैन-पाण्डुलिपियाँ एवं शिलालेख शब्दानुक्रमणिका अंगलिपि (लिपि) -१२ अनेकान्त अंगुलीयलिपि -१२ अन्तरिक्ष (देव लिपि) अंबादेवी -५६ अपभ्रंश भाषा अकबर (मुगल सम्राट) - ५०, ५१ अपरगोडादि लिपि अकबर नगर अपराजित टीका अकलंक (आचार्य) अपराजितसूरि (टीकाकार) अकोला अफगानिस्तान (देश) अक्खरपुट्ठिया (लिपि) अभयदेव सूरि (टीकाकार) अगरु अभिनवसार चतुष्टय अग्गल (कवि) अभिमान चिन्ह अजमेर __ - २ अभिमानमेरु अजितयश (तार्किक-दार्शनिक) - ६३ अमयाराहणा (गणि अंबसेनकृत) अजितसेन मुनि __- ३०, ३४ अमरकीर्ति (कवि) अर्जुनदेव (राजा) - ४२ अमरावती अजदि (फारसी) अमीता (प्राचीन कलिंग अड्यारलाइब्रेरी की राजकुमारी) अणंगचरिउ (अपभ्रंश-काव्य) अमृत (सेनापति) अणथमिउकहा अमेरिका __ - ६१, ७७ अणुपेहा अमोघवर्ष (राष्ट्रकूट वंशी अतिसुखवादनिक (समाज सम्राट) - ३६, ३७, ३८, ४० ___ कल्याण पदाधिकारी) - २७ अम्मइय (कर्नाटक का अत्तिमव्वे (एक आदर्श । प्रतिष्ठित नागरिक) - ७२ कन्नड़ महिला) - २६, ३३, ८० अम्बेडकर (बाबासाहिब अध्याहारिणी लिपि - १३ भीमराव डॉ.) अनंगपाल (दिल्ली का तोमर राजा) ४२, ४३ अरबी (भाषा) - १२. अनहिलवाड़ (नगर) - ४१ अरेय मरेय नामक सेठ अनिमित्ती लिपि - १२ अर्धमागधी - ११ अनुद्रुतलिपि - १२ अलबेरुनी (विदेशी पर्यटक) - ६६ अनुराग (कवि) अल्लालाहि (फारसी) अनुराधापुर अवरिवाजे-अन्य दूसरे - ५५ (सिंघल देश का एक नगर) - १८ अविनीत (गंग-नरेश) - ३२, ३७ अनुलोम लिपि __ - १२ अशोक (मौर्य सम्राट) - २, १०, ३५, - ३ - ३३ अयोध्या (नगर)
SR No.032394
Book TitleJain Pandulipiya evam Shilalekh Ek Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain
PublisherFulchandra Shastri Foundation
Publication Year2007
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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