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आठ प्रातिहार्यों से युक्त (अणुवम सुहणाणं) अनुपम सुख व ज्ञानवाले, (मोहमल्लप्पमल्लं) मोहमल्ल के लिए भारी मल्ल के समान (विगद - रयकलावं) कर्ममल समूह से रहित (मल्लिणाहं णमामि ) मल्लिनाथ भगवान को मैं नमन करता हूँ ।
अर्थ - स्वमति से मोह को नष्ट करने वाले बालब्रह्म स्वरूप, चौंसठ चँवर, आठ प्रातिहार्यों से युक्त, अनुपम सुख व ज्ञानवाले, मोहमल्ल के लिए भारी मल्ल के समान, कर्ममल समूह से रहित, मल्लिनाथ भगवान को मैं नमन करता हूँ ।
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सुनील प्राकृत समग्र