________________
८३
1
सरहीआ वाडइ ऋषभजिणेसरू । त्रेवीस जिनवर जुहार । दोसी वाडइं हटूनइ घरि । शांतिजिन दीठ रे सार||४१ मू० ॥ शांतिनाथनइ पाटकि । लिषमीदास देहरासरि जिनशांति। प्रतिमा बारइ पूजइ भावस्युं । टालइ भवनी भ्रांति || ४२ मृ० ॥ संघराजन घरि वामानंदन | पन्नर पडिमा रे तांहि । हेमा सरही घरि हिवड़ आवी । श्रेवीसमउ जिन ध्याइ४३मू० छयालीसपडिमा अवर जुहारी । लीजइ भवनु रे लाह । शांतिमूरति सयालीस वली अछइ । टालइ भवनु रे दाह||४४० पास कंबोईड ते वलि जुहारी | सात ज पडिमा रे सार । कटकीआवाडइ रिसह ज पूजीइ। पंचावन जिन उदार ।।४५ मृ० सेठ विमलदास घरि अजितजिणेसरू । चौदह जिन धन धन्ना निरषु जिनजी हई हरिषस्युं । तसु वली वाघ इ वन्न || ४६ मू० आनावाडs रंगई आवीह । दीउला श्रीजिन नेमि । प्रतिमा चुत्रीस भाव पूजीइ । जिम पामउ सवि षेम || ४७० ॥
॥ ऋषभ घरि आव छइ ए ढाल ॥ १७ ॥ आए सालवीवाडइ आबीह । त्रसेरीआ वली मांहि । । नेमि जिन जुहारउ जी । राणीरायमइ वल्लहु ।
जीवदया प्रतिपाल || नेमि० ४८ आंचली ॥ सत्यासी जिन पूजीइ । देहरइ श्रीजिनमल्लि|| ने मि०४९