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________________ वि. स. १९८८ बबई में चातुर्मास, धर्म के प्रचार और ज्ञानार्थ सिद्ध यक साहित्य प्रचारक समिति' नामक संस्था की स्थापना । पुण्यात्माओं द्वारा तप की आराधना कराई। वि. स. १९८९ सूरत में चातुर्मास, शास्त्रीय परंपरानुसार संवत्सरी की सकल संघ से बाराधना करवाई । आराधक आत्माओं से उपधान तप की आराधना करवाई। वि. सं. १९९० अहमदाबाद में जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के मुनि सम्मेलन को अपूर्व कार्यवाही द्वारा सफल बनाया। बगदा राज्य द्वारा बनाये गये 'बाल संन्यास-दीक्षा-प्रतिबंधक' नामक अन्यायी कानूनका मुँहतोड मुकाबला । मेहसाना में चातुर्मास । ब्राउन द्वारा आगमधर की प्रशंसा। . वि. सं. १९९१ जामनगर में सेठ पोपटलाल धारशीभाई के द्वारा भव्य उद्यापन महोत्सव और देशविरति आराधक समाजका अधिवेशन । पालीताना में चातुर्मास । भाराधकों को उपधान तप की आराधना कराई। वि. सं. १९९२ पालीताना में वैशाख सुदी ४ के दिन उपाध्याय श्री माणिक्य सागरजी गणी आदि चार सुयोग्य मुनिवरों को आचार्य ... पर प्रदान । उसी रोज आचार्य-पदारूढ हुए आचार्यदेव श्री माणिक्यसागर सूरीश्वरजी की स्वप पर स्थापना की । जामनगर में श्री लक्ष्मी आश्रम तथा श्री जैनाचंद शान मंदिर ...... .. की स्थापना । नामनगर में चातुर्मास- श्री संघ को शास्त्रीय ... परंपरानुसार संवत्सरी पर्वका भारापन कराया।
SR No.032387
Book TitleAgamdharsuri
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKshamasagar
PublisherJain Pustak Prakashak Samstha
Publication Year1973
Total Pages310
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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