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ध्यानस्थ स्वर्गत आगमोद्धारक आचार्य देवश्री
i आनन्दसागरसूरीश्वरजी महाराजश्रीके जीवनमें घटित अनेक प्रसंगों की जानकारी
तथा मुख्य प्रसंगों की प्रतिकृतियों सहित
आगमधर-सार
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नामक ग्रंथ विक्रम संवत् २००४ माघ शुक्ला ३ शुक्रवार के रोज सूरत के श्री बर्द्धमान जैन ताम्रपत्र-आगममन्दिर की
पूज्य श्री के वरद करकमलों द्वारा प्रतिष्ठा का २५ वर्ष संपूर्ण होने के
उपलक्ष में आज विक्रम संवत् २०२९ माघ शुक्ला ३ मंगलवार के
मंगल प्रभात में प्रकाशित हो रहा है।