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तृतीय खण्ड : व्यक्तित्व खण्ड
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इस नक्षत्रराज की प्रशंसा में कहा गया है -
"सिंहो यथा सर्वचतुष्पदानां, तथैव पुष्यो बलवान् उडूनाम् ।
चन्द्रे विरुद्धेऽप्यथ गोचरे वा, सिध्यन्ति कार्याणि कृतानि पुष्ये ॥ अर्थात् जिस प्रकार सारे पशुओं में सिंह बलवान होता है, ठीक वैसे ही सारे नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र बलवान होता है। यदि अन्य ग्रह निर्बल हों तो भी पुष्य में किया गया कार्य फलीभूत होता है। इस दृष्टि से रवि पुष्य के दिन महाप्रयाण होना शुभ्र संकेत का प्रतीक है। इति शम्
ज्योतिषाचार्य, सेवानिवृत्त वरिष्ठ स. प्रोफेसर (हिन्दी विभाग), ६ 'देवीकृपा' रोड़ नं. ८ शक्तिनगर, जोधपुर (राज.) दूरभाष 2544445