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नमो पुरिसवरगंधहत्थीणं महेशजी से पूछा, आपने मुझे पूरी बात स्पष्ट क्यों नहीं करने दी। इस पर वे बोले, पारस, तुझे पता नहीं है, मझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं भगवान् से साक्षात्कार कर रहा हूँ, धन्य हैं ऐसे महापुरुष !
-पार्षद नगर पालिका, जे. एम. बी, सवाई माधोपुर राज.)