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नमो पुरिसवरगंधहत्थीणं मदनगंज से आप दूदू, गाडोता होते हुए जयपुर पधारे, जहाँ लगभग २५ दिनों तक लालभवन में धर्माराधना कराकर आपका अलवर में पदार्पण हुआ। इस विहार क्रम में श्री सोहनलाल जी म.सा. आपके साथ रहे। यहाँ धर्मोपदेश में इन्द्रिय नियंत्रण एवं आसक्तिजय पर प्रभावी प्रवचन दिये । अलवर से दिल्ली जाते समय मार्ग में व्याख्यान वाचस्पति श्री मदनलाल जी म.सा. से आपका स्नेह मिलन हुआ। दिल्ली वासियों की आग्रहपूर्ण विनति पर विक्रम संवत् २०१५ का चातुर्मास दिल्ली को मिला।