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॥ ॐ तस्तत् ॥
श्रीगीतादोहन वा तत्त्वार्थदीपिका
सुरत मुकामे परम पूज्य ब्रह्मनिष्ठ महर्षिवर्य श्रीकृष्णात्मजजी महाराजश्रीनी सान्निध्यमां अक्षयतृतीया (सं. २००२) ना दिवसे उजवायेला श्री गीतादोहनप्राकटयमहोत्सव प्रसंगनां बे भक्तिभावभर्या अपूर्व द्रष्यो