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________________ (३४) तिरेसठ शलाका पुरुषों का चरित्र १० पर्वो में इस प्रकार समाविष्ट है (१) प्रथम पर्व में आदीश्वर प्रभु और भरत चक्रवर्ती । (२) दूसरे पर्व में अजितनाथ और सगर चक्रवर्ती । (३) तीसरे पर्व में सम्भवनाथ से लेकर शीतलनाथ तक आठ तीर्थंकरों का चरित्र | (४) चौथे पर्व में श्र ेयांस से लेकर धर्मनाथ तक पाँच तीर्थंकर, पाँच वासुदेव, पाँच प्रतिवासुदेव और पाँच बलदेव तथा दो चक्रवर्ती मधवा और सनत्कुमार इस प्रकार सब मिलाकर २२ महापुरुषों का चरित्र चित्रण निहित है । (५) पाँचवें पर्व में शान्तिनाथ का चरित्र | शान्तिनाथ भगवान एक ही भव में तीर्थंकर और चक्रवर्ती दोनों थे । इनके दो चरित्र गिनने में आते हैं । 1 (६) छठे पर्व में कुन्थुनाथ से मुनिसुव्रत तक के चार तीर्थंकर, चार चक्रवर्ती, दो वासुदेव, दो बलदेव तथा दो प्रतिवासुदेव इन चौदह महापुरुषों का चरित्र । उनमें से कुन्थुनाथ और अरानाथ उसी भव में चक्रवर्ती भी हुए इनकी भी दो चरित्रों में गिनती होती है । (७) सातवें पर्व में नेमिनाथ, १० वें और ११ वें चक्रवर्ती हरिषेण और जया तथा आठवें बलदेव, वासुदेव और प्रतिवासुदेव, राम, लक्ष्मण तथा रावण को मिलाकर ६ महापुरुषों के चरित्र । ( ८ ) आठवें पर्व में नेमिनाथ तीर्थंकर तथा नवम् वासुदेव, बलदेव और प्रतिवासुदेव, कृष्ण, बलभद्र और जरासंध को मिलाकर चार पुरुषों के चरित्र | (e) नवें पर्व में पार्श्वनाथ तीर्थंकर और ब्रह्मदत्त नामक बारहवें चक्रवर्ती का चरित्र निहित है ।
SR No.032350
Book TitleBharatiya Rajniti Jain Puran Sahitya Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhu Smitashreeji
PublisherDurgadevi Nahta Charity Trust
Publication Year1991
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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