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________________ ( १६ ) कहलाया ।' क्षत्रिय वह इसलिए कहलाया, क्योंकि वह क्षेत्रों (खेतों) का स्वामी था । दूसरी कल्पनानुसार, राज्य की प्राकृतिक अवस्था की कल्पना की गई है, जिसमें राजत्त्व का आविर्भाव हुआ है, और वह इस रूप में कि राजपद के निर्माण में सब व्यक्तियों ने अपनी-अपनी स्वीकृति दी । सभी की सहमति पर राजा की सृष्टि हुई। बौद्धमत की यह राजनैतिक कल्पना पाली सूत्रों में विकसित रूप से पाई जाती है । ' जैन साहित्य में राजनीति शास्त्र के अध्ययन की परम्परा क्या थी ? किस प्रकार राजा तथा राज्य की उत्पत्ति हुई ? इस बारे में विस्तृत जानकारी अगले अध्याय में प्रेषित की गई है । १. Saletore: Ancient Indian Political Thought and Institution. पृ० ३२३. बीध निकाय : भाग ३ सम्पा० महाबोधि : वनारस : महाबोधि सभा सारनाथ १६३६, पृ० ६८- ९६. २ . वही
SR No.032350
Book TitleBharatiya Rajniti Jain Puran Sahitya Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhu Smitashreeji
PublisherDurgadevi Nahta Charity Trust
Publication Year1991
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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