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________________ Second Proot DL. 31-3-2016-62 • महावीर दर्शन - महावीर कथा • (प्र. M) महा-परिग्रह के सामने दान-संविभाग-अपरिग्रह-समता-समानता । (प्र. F) एकांत आग्रहदृष्टि के सामने अनाग्रही, सत्यखोजी, समन्वयी स्याद्वाद-अनेकांतवाद । (प्र. M) हिंसा के सामने अहिंसा, परम करुणा ... (प्र. F) विषय-कषाय-प्रमाद के सामने संयम, तप-मौनादि अंतर + बाह्य तप । (प्र. M) शूष्क शास्त्रज्ञान-तोतापाठ के सामने विवेक प्रज्ञानुचिंतन युक्त अनुभवज्ञान, प्रयोगपूर्ण आत्मज्ञान, शुद्धात्म ध्यान । (प्र. F) जड़ भौतिकवाद - 'देह'वाद के सामने 'आत्म'वाद । (प्र. M) इस प्रकार आत्मज्ञान, अहिंसा, अनेकांत, अपरिग्रह, आत्मौपम्य 'सर्वात्म में समदृष्टि' - ये प्रभु के आत्मवादी जीवनदर्शन के साररूप पांच अंग बने-उनके सर्वस्पर्शी महा-धर्मचक्र प्रवर्तनशासन के। (प्र. F) इन पांच प्रमुख अंगों की प्रभु ने लाक्षणिक, सांकेतिक सूत्र परिभाषाएँ दी : (प्र. M). 1. आत्मज्ञानार्थ : "जे एगं जाणइ से सव्वं जाणइ"। 2. अहिंसार्थ : "अहिंसा परमो धर्मः" । (प्र. M) 3. अनेकांतार्थ : "ण य सो एगस्स पिय, त्ति सेसयाणं पिया होइ।" (समणसुत्तं : 67) (प्र. F) 4. अपरिग्रहार्थ : "न वि अस्ति मम किञ्चित्, एक परमाणु मित्तंपि ।" सर्व-समानतार्थ सर्वस्व (शासन प्रति) समर्पित । .. (प्र. M) 5. आत्मौपम्यार्थ : "सर्वात्म में समदृष्टि दें, इस वचन को हृदय में लिखें।" (गान M/F) "गौतम जैसे पंडितों को सत्यपंथ बतलाया । श्रेणिक जैसे नृपतियों को धर्म का मर्म सुनाया ॥ रोहिणी जैसे चोर कुटिलों को मुक्ति का मार्ग दिखाया, मेघकुमार समान युवान को जीवन मंत्र सिखाया ॥" (Instrumental Music) (काव्य पाठ M) प्राणीदया, पशुरक्षा और सजग कृषि का कैसा (जीवन) रहस्य दर्शाया; आनंदादि दस श्रावकों से महा-गोकुलों को बसवाया; ("उवसग्गदसाओ") नारी का तो उध्धार बड़ा कर, सम-स्थान दिलवाया; साध्वीसंस्था सुदृढ़ बनाकर, वर्तमान तक चलवाया ! परिग्रह-घोर का फंदा छुड़ाकर, 'मूर्छा' उसे बतलाया; दान-धर्म को स्वयं फैलाकर, समाज-साम्य फैलाया । दीन स्वमानी पुणिया जैसे श्रावकों को ऊंचा बिठाया; सेठों-राजाओं से भी उनका स्थान श्रेष्ठ समझाया/दरशाया ॥ (62)
SR No.032330
Book TitleAntarlok Me Mahavir Ka Mahajivan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherVardhaman Bharati International Foundation
Publication Year
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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