________________ Second Proof D. 23-5-2017 -53 * महासैनिक. जनरल : यह सब बाबा की और गांधी की दुआ है इसलिए लीजिए यह बाबा की भेंट - इन्होंने मुझे दी.ॐ मैं आप सब को बाँट देता हूँ-। (जनरल किसी को टेइप रिकार्डर, किसी को किताब, किसी को चार्ट और बंडल में से एक एक चीज सभी की उत्सुकता के बीच निकालते हुए कटिते हैं - अंत में निकलती है एक.. तकली) मार्शल : बाबा की भेटें भी अजीब हैं। जनरल : यह है अंतिम भेट (तकली) लेकिन यह मैं किसी को अब नहीं दूंगा, जिंदा हूँ तब तक यह मेरे साथ रहेगी। स्पेइस सॉल्जर : लेकिन यह है क्या ? फिल्ड मार्शल : (हँसता हुआ) हथियार ? अहिंसक शांति सैनिकों का एक हथियार ? जनरल : बिल्कुल ठीक, अहिंसक शांति सैनिकों का हथियार ! शांति का प्रतीक !! फिल्ड मार्शल : (हँसकर ) फिर तुम्हारा विज्ञान बीच में आया, स्पेइस सॉल्ज़र / जनरल : ठीक ही हैं। विज्ञान के ज़माने में भी यह हथियार विज्ञान के साथ अहिंसा को अब जोड़ता है ज़रुरी हथियार.... शांति सैनि- महासनिक का हथियार, जो दिया था- शांति, प्रेम अहिंसा का उपासक उस महासैनिक ने ! (सभी मौन प्रार्थना में खड़े.....) (वाद्यसंगीत - भैरवी सूर) पार्श्वगीत : (पंक्तिया) > इन बाहरी व प्रतीफा के साथ "भाई मारा / गाळी ने तोपगोळा )2 भीतरी शांति को ही 74 /.. 13 जी लेजाय समना की दिशा म, घड़ो सुइ-मोचीना संच बोळा, 4 सारे जगए को Herea को। घड़ो रांक रेंटुडानी आरो, घड़ो देव-तंबूरा ना तारो. धण रे बोले ने (स्व. मेघाणी) प्रववता : चरखे की आह) और भजन-तंबुर के तार गान : "इन बाहरी शांति-प्रतीकों के साथ; ___ सारे जगत् को, सगर & 12-भीतरी (अंदरुनि ) शांति का ही हाथ / " प्रवक्ता : इसी लिए तो जग को शाश्वत शांति-संदेश दिया है - गांधी-गुरु 'राज' से :पार्श्वघोष : , "शांति भीतर है, बाहर खोजने से नहीं मिलेगी ! ) POLD FONTS प्रितिध्यानपूर्णा) भीतर की शांति आत्मा की सम-श्रेणी में हैं।" श्री रामपद्रवपनामूला ॐ शांतिः शांतिः शांतिः, शिवमस्तु सर्व जगतः // ( मंद मंद प्रकाश, तंबूर सितार के स्वर, अंधेरा, पर्दा) Add L 415 Reuntfen Last JT Toy जिाहट) जो लजाय समया त समाप्त ranipDOL - AM