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________________ Second Proof Dt. 23-5-2017 . 4 • महासैनिक . बूढ़े बाबा : ओह, आप जनरल व्हाइट फिल्ड तो नहीं ? जनरल : ऍक्जेटली, एक्जेटली..... बूढ़े बाबा : वेरी ग्लैड टु मिट यू सर, वैसे मैं आप जैसे बड़े जनरल की खोज में ही था - यह पूछने कि क्यों यह विनाश, क्यों यह युद्ध ? संप्रमुता जनरल : (क्रोध से)- हमारे दुश्मनों को सबक सीखाने... हमारे देश का भला करने... हमारी सुरक्षा और समृद्धि के लिए - शांति और न्याय के लिए... लेकिन लेकिन (सम्मान नतापूर्वक) मुझे यह सब पूछनेवाले तुम... तुम कौन हो ? और यह सब क्यों पूछ रहे हो ? ' (पार्श्वभूमि - deep stage में स्ट्रैचर लिए दो सैनिकों का आना और मृत सैनिकों को एक एक करके उठाकर ले जाना) बूढ़े बाबा : मैं हूँ शांति का सैनिक, भारत से-गांधी के देश से आया हुआ... ! जनरल : ( आशंका से, बाबा के शब्दों को दोहराकर -) शांति का सैनिक ?... भारत से -? (सोचकर) गांधी के देश से? बूढ़े बाबा : मैं यहां आया हूँ-जख्मी जवानों की खिदमत करने, गांधी का प्रेम, अहिंसा और शांति का संदेश पहुँचाने, इन युद्धों को रोकने, नए ढंग के युद्ध की तरकीब सिखाने... जनरल : (व्यंग के साथ ) ओह... युद्धों को रोकने... ! नए ढंग के युद्ध की तरकीब सिखाने...!! (क्रूर हँसी ओर बाद में दृढ़तापूर्वक डाँटते हुए -) मुझे संदेह है कि तुम हमारे दुश्मन के जासूस हो... सही सही बता दो वरना अभी ही गोली से उड़ा दिए जाओगे...(छोटी सी रिवोल्वर सामने खाता है) यह बताओ कि तुम छिपे जासूस हो या नहीं ? बूढ़े बाबा : (लापरवाही के साथ, हँसते हुए -) एक शांति-सैनिक मौत से तो जरा भी नहीं डरता.... जनरल : जानते हो मौत से खेलने का क्या अंजाम होता है ? बूढ़े बाबा : अंजाम यह कि मौत से हमारा काम रुकता नहीं, वह और आगे बढ़ता है ! इस लिए मौत से लोहा लेने हम उसे चुनौती देते हैं.... सिखाया है हमें हमारे बुजुर्ग उस्तादों ने और गाया है हमारे फकीरों ने कि - (जोश, बेफिक्री के साथ) "ए मौत ! बेशक उड़ा दे इस जिस्म को... मेरे और अजसाम भी कुछ कम नहीं... "xxx (- स्वामी रामतीर्थ) जनरल : (क्रोध से) छोड़ो यह सब बकवास और साफ़ साफ़ बताओ कि तुम हमारे दुश्मन के जासूस या 'सिक्रेट एजेन्ट' हो या नहीं ?
SR No.032302
Book TitleMaha Sainik Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherYogindra Yugpradhan Sahajanandghan Prakashan Pratishthan
Publication Year
Total Pages60
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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