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कुवलयमालाकहा का सांस्कृतिक अध्ययन
फलक १०: नृत्य-नाट्य
६३. जन्मोत्सव में नर्तकियाँ ( पृ० १२६ )-कल्पसूत्र यह ( १५५० ई० ), जे०पी०
गोयनका संग्रह, जैन जर्नल, अप्रैल ७०, की अनुकृति । ६४. रासमण्डली ( पृ० २८० )-अजन्ता में अंकित रासमण्डली का प्राचीन रूप ।
(हर्प० फ० ४ चित्र० १७)
चित्रों के रेखांकन के लिये मैं उल्लिखित ग्रन्थकारों एवं श्री कर्णमान सिंह, भारत कला भवन, वाराणसी का आभारी हूँ।