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राजनैतिक जीवन
१७१ साहित्य में वज्र के अनेक उल्लेख मिलते हैं, जिनमें प्रायः वज्र को इन्द्र का हथिहार माना गया है । २ किन्तु बाद के चित्र और शिल्प में अनेक देवी-देवताओं के हाथ में भी यह हथियार देखने को मिलता है। बुद्धदेवी वज्रतारा की मूर्तियों में एक हाथ में वज्र का अंकन मिलता है।
वज्र को अशनि भी कहा गया है, जो इसकी भयंकरता का प्रतीक है। प्राचीन शिल्प और चित्रों में अंकित वज्र से उसकी आकृति का पता चलता है। वज्र के दो रूप प्रचलित थे-एक डण्डे के आकार का, बीच में पतला और दोनों किनारों पर चौड़ा तथा दूसरा, दो मुंह वाला, जिसमें दोनों ओर नुकीले दाँत बने होते थे।
इतनी प्रसिद्धि के बाद भी वज्र का युद्ध में प्रयोग होता था या नहीं, यह निश्चितरूप से नहीं कहा जा सकता। सम्भवतः प्राचीन समय में इसका प्रयोग होता रहा हो और बाद में यह केवल शिल्प और कला में ही अंकित होता रहा हो।
शक्ति-उद्द्योतन ने शक्ति का चार बार उल्लेख किया है। शक्ति हृदयविदारण करने में समर्थ होती थी-'त्ति पिव हिययदारणपच्चलं' (२३३.२९)। शक्ति का प्राचीन साहित्य में भी उल्लेख मिलता है । यह सम्पूर्ण रूप से लोहे का बना भाले के समान अत्यन्त तीक्ष्ण आयुध था-शक्तिश्च विविधास्तीक्ष्णा (महाभारत, आदिपर्व ३०.४९) । शक्ति स्कन्द कार्तिकेय तथा दुर्गा का अस्त्र माना जाता है। कार्तिकेय की मूर्ति के वायें हाथ में शक्ति का अंकन देखा जाता है।
वसुनन्दक-कुवलयमालाकहा में इसका चार बार प्रयोग हुआ है। वर्णन से ज्ञात होता है कि यह विशेष प्रकार का अस्त्र था, जो शत्रु पर फेंक कर मारा जाता था (१३६.२४) । सम्भवतः इस आयुध में कुछ मन्त्रसिद्धि भी रहती थी।'
१. ऋग्वेद (३.५६.२; सिद्धान्त कौमुदी (२.१.१५); रामायण (सुन्दर० ४.२१),
महाभारत (७.१३५.९६); रघुवंश (८.४७); उत्तराध्ययन (२०-२१) आदि। २. मोतीचन्द्र-जैन मिनिएचर पेटिग्ज़, चित्र ६०, ६१, ६२, ६९, ७२. ३. भटशाली-आइकोनोग्राफी आफ बुद्धिस्ट स्कल्पचर्स इन द ढाका म्युजियम,
पृ० ४९, पृ० २३, तथा ३० पर फलक ८, चित्र १ ए। ४. बनर्जी-द डेवलपमेन्ट आफ हिन्दू आइकोनोग्राफी, पृ० ३३० फलक ८, चित्र ८;
फलक ९, चित्र २-६. ५. गोकुलचन्द्र जैन, यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन, पृ० २०९ । ६. महाभारत. द्रोणपर्व, १८६. ७. यशस्तिलकचम्पू-सर्वलोहमयीशक्तिरायुधविशेषः, पृ० ५६२, सं० टी० । ८. भटशाली-द आइकोनोग्राफी०, पृ० १४७, फलक ५७, चित्र ३ ए. ९. जं जं परम-रहस्सं सिद्धं वसुणन्दयं च खग्गं च-कुव० २५०.२५.