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विनम्र आदराञ्जली
स्व. तन्मय (पुखराज ) गिड़िया
जन्म
१/१२/१९७८ (खैरागढ़, म.प्र.)
अल्पवय में अनेक उत्तम संस्कारों से सुरभित, भारत के सभी तीर्थों की यात्रा, पर्वों में यम-नियम में कट्टरता, रात्रि भोजन त्याग, टी.वी. देखना त्याग, देवदर्शन, स्वाध्याय, पूजन आदि छह आवश्यक में हमेशा लीन, सहनशीलता, निर्लोभता, वैरागी, सत्यवादी, दान शीलता से शोभायमान तेरा जीवन धन्य है ।
स्वर्गवास
२/२/१९९३ (दुर्ग पंचकल्याणक )
अल्पकाल में तेरा आत्मा असार-संसार से मुक्त होगा (वह स्वयं कहता. था कि मेरे अधिक से अधिक ३ भव बाकी हैं ।) चिन्मय तत्त्व में सदा के लिए तन्मय हो जावे - ऐसी भावना के साथ यह वियोग का वैराग्यमय प्रसंग हमें भी संसार से विरक्त करके मोक्षपथ की प्रेरणा देता रहे --ऐसी भावना है।
दादा श्री कंवरलाल जैन पिता श्री मोतीलाल जैन
बुआ श्रीमती ढेलाबाई जीजा - श्री शुद्धात्मप्रकाश जैन
हम हैं...
दादी स्व. मथुराबाई जैन माता श्रीमती शोभादेवी जैन बहन जीजी सौ.
सुश्री क्षमा जैन
श्रद्धा जैन