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जैनधर्म की कहानियाँ भाग - १२
षष्टम् दृश्य
श्रेणिक द्वारा जैनधर्म की विजय घोषणा
(बड़े ही धूमधाम से पंचकल्याणक महोत्सव सम्पन्न होता है, और जैनधर्म की विशाल रथयात्रा निकाली जाती है, जिसे देखकर सम्पूर्ण प्रजा अपने को
धन्य मानने लगती है और इसका सम्पूर्ण श्रेय महारानी चेलना को देते हुए आपस में उनकी प्रशंसा करने लगते हैं। तभी राजा श्रेणिक भी खड़े होकर घोषणा करते हैं ।)
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श्रेणिक - धर्मप्रेमी समाज ! आज मैं नई बात विज्ञापित करता हूँ। आप सभी जानते हो कि मैं अभी तक एकान्तमत का अनुयायी था, परन्तु अब मुझको महारानी चेलना के प्रताप से सत्य वस्तु स्वरूप
हेत-पत्र
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