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श्री दुलीचंद बरडिया राजनांदगाँव श्रीमती सन्तोषबाई बरडिया पिता- स्व. फतेलालंजी बरडिया पिता-स्व. सिरेमलजी सिरोहिया
सरल स्वभावी बरडिया दंपत्ति अपने जीवन में वर्षों से सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों से जुड़े हैं। सन् १९९३ में आप लोगों ने ८० साधर्मियों को तीर्थयात्रा कराने का पुण्य अर्जित किया है। इस अवसर पर स्वामी वात्सल्य कराकर और जीवराज खमाकर शेष जीवन धर्मसाधना में बिताने का मन बनाया है।
विशेष - पूज्य श्री कानजीस्वामी के दर्शन और सत्संग का लाभ लिया है।
परिवार:
पुत्र ललित, निर्मल, अनिल एवं सुशील
पुत्रियाँ चन्दकला बोथरा, भिलाई एवं शशिकला पालावत, जयपुर