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कर्ता : श्री पूज्य हरखचंदजी महाराज 26 अभिनंदनसो नेह हमारे, अभिनंदसो नेह निश-दिन मनमांही जपुं जैसें, चातक मन मेह-हमारे अभि.... १ ज्यु मधुकर मन मालती हो, जयुं शशि-कुमुद सनेह । ज्युं गज मन रेवा नदी, तैसें मुज मन प्रभु एह-हमारे अभि....२ जन्मनगरी अयोध्यापुरी, जसु पिता संवर गुण-गेह माता सिद्धारथारानी, कपि लंछन चरनेह-हमारे अभि....३ लाख पचास पूरवको हो, आयु प्रमाण मुणेह वंश ईक्ष्वागे दीपतो, साढी तीनसे धनु देह-हमारे अभि....४ देव जिके दूषण-भरे, मो दिल नहीं आवे तेह हरखचंदके साहिबा, निकलंक निराकृत रेह हमारे अभि....५
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