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□□□□國·商圈圈圈圈圈海商圈圈圈國
गीत - ३
अंतरनी आरझू मारी, स्वीकार करी ल्यो संसारना सागर थी नैया पार करी ध्यो... (२) हो जीवन स्वामी हो अंतरयामी... (२)
चारे तरफ फेलाय छे, जीवनमां निराशा, हैये रमे छे एक बस तुज प्यार नी आशा; मूरजायेला जीवनमां, शणगार सजी द्यो...
तारी अने मारी वच्चे छे केटली दूरी, जंजीर आ कर्मोतणी मारी छे मजबूरी, भूली जई भूलो मारी, प्रभु माफ करी द्यो....
आवी रही छे जिंदगीमां पापनी आंधी जोजेना तूटे प्रेमनी में दोर जे बांधी, मनडाना शमणा मारा, साकार करी द्यो....
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