________________
गीत - २
डगले डगले दंभ करूं, मने दुनिया माने धर्मात्मा, पण शुं शुभर्यु मारा मनडामां; एक वार जुओने परमात्मा...(२)
अरे ओ...रे...अरे ओ...रे.... हुं स्वांग धरूं छु सेवकनो, पण सेवा करतां शरमाउं, सन्मान मळे जे फोगट मां, लेवामां ना हुं अचकाउं...(२)
हुँ ढोंग करुं छु धर्मीनो, पण धर्म वस्यो ना हैयामां, बेहाल भले फरती दुनिया, मारे सुq सुखनी शैयामा...(२)
हुं दान दउ छु दौलत मुं, ए दौलत क्याथी लाईं छु, लाचार जनोने लूटुं छु, तो ये दाता कहेवाउं छु...(२) हु वेशलउं वैरागीनो, ने वंदन सहुना पामुं छु, पंचरंगी पीछा ओढीने, हुं साची जात छुपाईं छु...(२)
M
ARRRRIED 4G
TERISTRI