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की ओर विहार किया। धोलका, धंधुका, मातर, खेड़ा की यात्रा करते हुए रतलाम पधारे वहां रतिचन्दजी बोराना ने नवपदजी का उजमणा करवाया और श्रीसंघ की विनंती होने से सं० २०१४ का चौमासा रतलाम घुघरीया के उपाश्रय में हुआ । यहां अनेक प्रकार का तप, जप, व्याख्यान विगैरा धर्म कार्य का लाभ मिला चौमासा बाद विहार करके बदनावर ठहरते हए बड़नगर में नवपदजी की
ओली आदि तपरया, उजमणा निमित्त श्रीसंघ ने विनंती कि इसलिए बड़नगर पधारे संघ ने चौमासा के लिए आग्रह किया सं० २०१५ का चौमासा बड़नगर में किया। व्याख्यान आदि धर्म कार्य का लाभ मिला । चौमासा बाद इन्दौर कि तरफ विहार किया। गौतमपुरा नवपदजी की अोली करवाकर देपालपुर में अक्षय तीज करी । स्वास्थ्य ठीक न होने से इन्दौर पधारे । मोतीझरा की व्याधि होने से सं० २०१६ का चौमासा इन्दौर में हुआ। चौमासा बाद मांडवगढ़ में परम पूज्य गणि धर्मसागरजी म. तथा अभयसागरजी म. की निश्री में मन्दिर की प्रतिष्ठा महोत्सव में आप साहेबजी पधारे और आनन्द पूर्वक प्रतिष्ठा होने पर नाल्छा में मन्दिरजी की प्रतिष्ठा करवाकर दिगठान में दो मन्दिरों की प्रतिष्ठा आनन्द पूर्वक करवाकर हांसलपुर होते बेटमा पधारे वहां नवपदजी की अोली की आराधना
म. कीणि धर्मया । चौमा