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३. ३.८]
सुदसणचरिउ
किं फलु इय सिविणयदसणेण होसइ परमेसर कहि खणेण । इय णिसुणिवि णवजलहरसरेण सुणि सुंदरि पभणिउ मुणिवरेण । उत्तुंगे भरभारियधरेण होसइ सुधीरु सुउ गिरिवरेण । कुसुमरयसुरहिकयमहुअरेण चाइउ लच्छीहरु तरुवरेण । सुररमणीकीलामणहरेण' सुरवंदणीउ वरसुरहरेण । जललहरीचुंबियअंबरेण गुणगगगहीरु रयणायरेण । अइणिविडजडत्तविणासणेण _कलिमलु णिड्डहइ हुआसणेण । सुंदरु मणहरु गुणमणिणिकेउ जुवईयणवल्लहु मयरकेउ। णियकुलमाणससररायहंसु णिम्मच्छरु बुहयणलद्धसंसु । उवसग्गु सहेवि हवेवि साहु पावेसइ झाणे मोक्खलाहु । जिणु मुणि णवेवि हरिसियमणाइँ णियगेहु गयइँ विण्णि वि जणा' । गोवउ वि णियाणे तहि मरेवि थिउ वणिपियउयरण अवयरेवि । घत्ता-तहि गब्भन अब्भट णाइँ रवि कमलिणिदले णावइ जलु ।
सिप्पिउडन णिविडम ठिउ सहइ णं णितुल्लु मुत्ताहलु ॥२॥
परही रिद्धि पेच्छेवि णं दुजण कसणवण्ण जाया विणि' वि थग । सोहइ वयणु ताहे जियससहरु णं गंदणजसेण आपंडुरु। गइ मंथर हवेइ चल्लंतिह तह पुणु सुहुम वाणि बोल्लंतिह। खणे खणे जणियपयडतणुभंग ___ जायइँ सालसाइँ अटुंगईं। दोहलाइँ संजाय एय जिणण्हवणाइँ सुदाणविवेय.। पोसे पुहुर्त सेयपक्खन हुए बुहवारण चउस्थितिहिसंजुष्ट। सयमिसरिखे जोष्ट वरियाणण पढमे करणे वउणामपहाणा । अंसइँ पंच मेल्लि णवमासहि जणिउ ताप्न सुउ पुण्णविसेसहि ।
२. १ क कीलमणोहरेणा ग कीलणमणहरेण। २ ख उवसग्ग। ३ क कालें। ४ ग घ णिउडए ।
३. १ ख दोरिण। २ क वेएं। ३ क तिहे ख तह। ४ क घ हए । ५ ख उव। ६ क मंसए पढमेल्लि ।