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-२. ११. १५ ]
पारद्धिरन्तु चलु चोरु धिट्ठ णियभुयबले
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भयकूवि छू दु
पद्धडिय एह
सुदंसणचरिउ
घत्ता-' - पावेज्जइ बंधेवि णिज्जइ वित्थारेवि रहे चश्चरे । दंडिज्जइ तह खंडिज्जइ मारिज्जइ पुरवाहिरे ||१०||
परवसुरयहो अंगारयहो' इय णिवि जणो' तावि मुढमणोरे
जो परजुवइ इह अहिलसइ विरहे णडिओ अच्छइ पडिओ जा जाहि तुहुँ पत्थेवि लहु
उवयारसयं जुंजेइ सयं
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हे सुहु अइदी मुहु
अह का वि चला इच्छइ अबला
तू सयं किर रमइ रयं
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खरे
छरहरियमरणू कंपंततणू को विरइ करे आरुहि सहिऊण जए विडइ णरए परयारश्या चिरु खयहो गया गहिऊण मं" परिवज्जि तुमं बहुदिणीहिं पुणो संतुट्टमणो
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१०.
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पेच्छेवि । रावण ।
१३ ख किय।
चक्कवइ णरत गड बंभयत्तु ।
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गुरुमायबप्पु माणइ ण इछु । वंच ते अवर विसो छलेण ।
ts freeक्खु पावेइ मृदु । सुपसिद्धी नामें विज्जलेह ।
सूलि भरणं जायं मरणं । चोरी करइ उ परिहरइ ।
सो जीससइ गायइ हसइ । उ रs लहइ मित्तहो कहइ । सा आणि घरे महु लाइ उरे कवि होइ सई च्छइ जुवई । दावेइ जणे जूरेइ मणे । देउलसिहरे तह सुण्णहरे । सो सुणिवि सरं उव्वहइ डरं । णिहुय दडइ णासइ पडइ । वित्थारणयं तह मारणयं ।
२० ख ग घ मरणइ । २१ क भव । २२ ग घ चंदलेह । २३ ख रहु ।
११.
१ घ पसुयरहो अंग्गाइयरहो । ५ ख गो लहइ सुहं । ६ क हि १० क कमरणाः ख करिणा ।
२ ख ज । ३ ख मणे । ४ क ग घ । ७ क धरे । खारुहिय । ६ ख ११ ख ग घ गहिऊरिणयमं । १२ ख परवज्जि ।
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होऊ अबुहा रामण पहा | सत्त विवसणा एए कसणा" । saf गिरा समणि थिरा । सो घर तओ सुरसरिहे गओ ।
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