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णयणंदिविरहयउ
[२. २. ३सरहभीसवाणवलिछाइय भारहसरिस जेत्थु वणराइय। सुविसालाइँ सिसिरसाहाल अविरलसुरहिपसवसोहाल।। तरुणिकायलग्गिरपोमरय जहिँ उववण व गोउलणियर'। ५ खत्तसारपरिसाहिय खेत्तइँ बहु करिसणइँ ललियकरजुत्तइँ। णियवइरक्खियाइँ दिढकच्छइँ जहिँ गामइँ सामंतसरिच्छइँ। सुरयणपरियंचियकल्लाणइँ जहिँ जिणवरसरिसइँ पुरठाणइँ । घत्ता-रयणायरु णावइ सायरु तहिँ चंपापुरु छज्जइ ।
बहुसुरहरु विबुह-मणोहरु अह सुरवइपुरु णज्जइ ॥२॥ . १०
जलपरिहसालगोउरमहल्लु णं समवसरणु धयसंकडिल्लु । रामायणु व्व कइयणपगामु लक्खणसमेयरामाहिरामु। अह भारहु व्व गुरुकण्णमाणु वावरियपत्थु कणभरियदोणु। अह सहइ जाइवित्तेहिँ रुंदु जइगणहिँ अलंकिउ णाइँ छंदु । महणस्थिय मंदरतुल्लसोहु चउदिसु अणंतपयजणियखोहु । अहवा गयणयलु व भमियमित्तु तमहरमंगलबुहगुरुपवित्तु । अहवा पायालु व णायवंतु मणहर पोमावइसोह दिंतु । अहवा वरिणजइ काइँ तेत्थु मणिरयणाइयहुँ ण संख जेत्थु । घत्ता-तहिँ राणउ अस्थि सयाणउ धाईवाहणु णामे ।
मणहरणउ जणवसियरणउ णं सरु सजिउ कामे ॥३॥
जो अहिणवमेहुवि णउ जलमउ जो सोमु वि अदोसु उज्झियमउ । सूरु वि णउ कुवलयसंतावणु वज्जियरयणियरु वि ण विहीसणु ।
२. ३ ख पोमारइ। ४ ख परिसोहिय। ५ क णियणिय वइरक्खियं । ६ ग घ सुरठाणई। ७ क विविह।
३. १ ख समेउ। २ क पंथ । ३ घ जाम । ४ ग घ मणहत्थिय । ५ क . भमइमित्तु। ६ क बुहुः ख तमहरु मंगलु । ७ ख मणहरु । ८ ख संधिउ।
४. १ ग घ अहिणउ मेहु । २ क ग घ जड़मउ। ३ क प्रदोस ।