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णयणनिविधायक
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सीलविहीणहँ जणि हाहारऊ होसइ तुझ कम्णकडुयार। सीलविहीणहे सिय जाएसइ सीलविहीणहं मरणु हवेसइ । इय सुणेवि अभयामहएविष्ट जंपिज्जइ रोसेण पलीविए। परउवएसु दिंतु बहुजाणउ सब्बु को वि सासुइज सयाण। किं बहुजंपिएण गरुयारउ जइ वि मज्झु होसइ हाहारउ । जइ दुल्लह संपइ जाएसइ जइ वि विसि महु मरणु हवेसइ । तइ वि कासु वयणे णउ छडमिः रइयपइजट अप्पउ मंडमि। तासु असंगर्म महु मणु जूरइ दुद्धसद्ध कि कंजिउ पूरइ।
आणिज्जउँ सो सुहउ वियड्ड पार्यं दद वरि हियउ म दड्दउ । 'जइ पियसंगमु कहव ण किमाई तो फुडु मइँ अइरेण मरिन्नइ ।
(पारद्धिया णाम पद्धडिया छंदो)" घत्ता-पंडिय चिंतइ तं सुवि इय- गोहगाहु किर सुम्मइ ।
इत्थीगाहु तमु वि गरु जे१सयरायरु जगु दुम्मइ ।।।
ण फिट्टइ पेयवणे इह गिद्ध ण फिट्टइ तुंबरणारयगेउ ण फिट्टइ दुजणे दुट्ठसहाउ ण फिट्टइ लोहु महाधणवते ण फिट्टइ जोव्वणइत मरठ ण फिट्टइ विझि महाकरिजूह ण फिट्टइ पाविहे पावकलंकु ण फिट्टइ आयहे जो असगाहु
ण फिट्टइ पंकण भिंगु पइट्ठ। ण फिट्ट पंडियलोयविवेउ । ण फिट्टइ णिद्धणचित्त विसाउ। ण फिट्टइ मारणचित्तु कयते। ण फिट्टइ वल्लहे चित्तु चहु९। ण फिट्टइ सास सिद्धसमूहु। ण फिट्टए कामुयचिर्त झसक। सुछंदु वि मोत्तियदामउ एहु ।
८. १ क जण। २ ग घ पलेविए। ३ ख सामुइय। ४ ख जइ वि मज्झ । ५ क मंडिमि। ६ क सुद्धि । ७ ख माणिज्जइ। ८ क माय । ९ क ग घ में यह चरण नहीं है। १० ख तइ। ११ क ग घ पारंदिय पद्धडिय भणिज्जइ । १२ ख वि तसु गरउ। १३. ग घ तें।
६.१ख पयंडु। २ क कमाई चित्ते सुहुन्छ ।