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गयणदिविरइयड
सव्वावयव सलक्खणिय बुहथुणिय। होइ गरिंदहा पाणपिय णाइँ सिय। लहइ जाण पाण धय
मत्तगय । वरतुरंग संदणपवर
भडणियर। विविहकुसुमफलदलघणय उववणय। करइ कील सहुँ सहयरिहिं मणहरिहिं। इय रयणमाल पद्धडिय पायडिय। घत्ता-सुहसय" अँजिवि वइरायवंत तउ पालइ।
अच्छउ इयरही इंदहा इंदत्तणु ढालई ॥१४॥
कुगुरुकुदेवभत्तिओ मयपत्तिओ णिसि असंति जाओ। कंचाइणिसरिच्छओ दुण्णिरिक्खओ होति मरेवि ताओ ॥ आरणालं ।।
रयभुरकुंडिउ रंडिउ मुंडिउ । चेडिउ दासिउ छिवरणासिउ। विसरिसभालउ बुडियकवोलउ। चुंधलणेत्त
दीहरदंतउ। हड्डकरालउ
इंगलकालउ। लंबिरथणियउ असुहावणियउ। कुंटिउ मंटिउ मोट्टिउ छोट्रिउ । बहिरिउ अंधिउ अइदुग्गंधिउ। पेसणसारित विप्पियगारिउ । हीणउ दीणउ
कम्मे रीणउ । मइलकुचेलिउ कलहणसीलिउ।
१४. ८ क ग घ ए। ९ क ग घ इय णामें। १० ख रयणावलिय। ११ ख सुहसिरि। १२ ख ग टालइ ।
१५. १ ख भत्तउ। २ क पत्तिमो ख पमत्तउ। ३ ख असंतु। ४ क चिब्बिर । ५ क चडिय; ख बुडिय वोलिउ घ चुडिय। ६ क णेत्तिउ। ७ क दंतिउ। ८ क कुंठिउ मंठिउ घ मंठिउ। ६ क हीणिउ दीणिउ कम्में रीणिउ ।