________________
प्रतिक्रमणमां बहेनो झुमी उठे केवी गजब संगीत कला? आ रीते अमारा गु० म० पोताना गु० म० ने प्यारा बन्या तेम चतुर्विघसंघमां प्यारा व्हाला बनी गया। नानी वयमां ज चकोरता कुशाग्रता जोई व्याख्यानादिनी जवाबदारी साथे गुरुब्हेनोनी दीक्षा वडिदिक्षा योगोद्वहन वि० नी जवाबदारी गु० म० सोंपता तुरत गुर्वाज्ञाने तहत्ति करता विनय भक्ति वैयावच्च गुण तो एवो के शास्त्राभ्यासमां समयनो अभाव होवा छता पण जाणे औत्पातिकीने वैनयिकी बुद्धि जाणे प्राप्त न थई होय तेम तेवी बुद्धि साथे अनुभवज्ञान सुंदरकक्षानुं के गमे तेवी जवाबदारीओनी वच्चे गमे तेवी परिस्थितिमां तेनो उकेल सरलताथी लावी दे। संघोमां विखवाद घर्षणोने मिटावी दे। तेम वाणीमां मधुराश साथे अद्भुत शक्ति ? तेम ज्यां जे संधमां जे जे क्षेत्रोमां जेम कै साधारण देवद्रव्यादिमां तोटो होय तो तेनी वृद्धि करावी तेने सद्धर बनावरावी दे। तेओश्री पासे घडतर एवी कक्षानुं के बाल-युवानवृद्धना हैये पण तेओ वसी जाय, तेओश्री जीनी साधना आराधनाक्रिया पण एवी चुस्त के ते जोईने मस्तक झुकी जाय। तेथी ज नानी वयमां अमारा जेवा अज्ञान अबुझोने बुझवी। वैराग्यनी सुदृढ तालीम आपी अनेक शिष्या प्रशिष्यानां गुरुणीजी बनी अमारा पर अमाप करुणा वात्सल्यता वरसावी रह्या छ। पोतानी शारिरीक शक्ति तप त्यागनी न होवा छता उपवास-आयंबिल वि० करवानी उत्कट भावनामां ज सदा रमता होय। अमे कहीए आज उपवास केम? कर्यो ? आपश्रीने सारू नथी सांझे कांई वापर्यु नथी तो कहे हुं तो एम जाणुं साधु जीवनमां रोज न वपराय। अने अमने पण तप-त्यागज्ञान-ध्यानमां सतत सहायक बनता रहे। तेम अमारामां गुणो लेश पण जोवा न मले तो पण दरेकमांथी गुणो शोधी तेनी अनुओदना पुनः पुनः करता रहे। ___ अने छेल्ले परोपकार गुणना शु? वर्णन करीए ? दिवस रात केम करी परोपकार करी सहायक बनवू । ते ज एकमात्र भावनामां रमता अमारा गुरूदेवश्री आ गुणने अनुलक्षी चतुर्विघसंघना हित माटे तेमने