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विनि-३
सूक्ष्म शरीर स्थूल शरीर से PAK [ ५१. परकाया प्रवेश की सिद्धि कर सकता हवामहापतिरोध से भी परकाया प्रवेश सम्भव है। चन्द्रनाड़ी मनोमय पर की प्राण तत्व वाहिनी नाड़ी है । इसके विरोध से निद्रावृत्ति का निरोध हो जाता है और तब मनोमय शरीर भौतिक शरीर से बाहर जाकर अन्य देह में प्रवेश कर सकता है । कुछ मंत्रों के नित्य सहस्त्रबार पाठ करने से भी यह सिद्धि सम्भव है। पाश्चात्य में स्वप्न नियन्त्रण से भी परकाया प्रवेश की विधि बताई है । खेचरी मुद्रा द्वारा भी सिद्धि होती है। परकाया प्रवेश के निम्न उदाहरण हैं।
(१) आद्य शंकराचार्य के विषय में विख्यात है कि उन्होंने मंडन मिश्र की पत्नी से शास्त्रार्थ में विजय पाने के लिए राजा सुधन्वा (अमरूक) के मृत शरीर में प्रवेश कर कामशास्त्र का ज्ञान प्राप्त किया था।
(२) श्री फेरेल १६३७ में एक उच्च सैनिक उच्च अधिकारी के रूप में ब्रिटेन से भारत आए थे । वे भारतीय कमांड के प्रधान सेनापति भी रहे थे। उन्होंने एक परकाया प्रवेश की घटना देखी। वे १९३६ में भारत बर्मा की सीमा पर तैनात
थे।
___ उन्होंने देखा कि नदी में एक युवा की लाश बहती आ रही थी। एक बूढ़ा दाढ़ी वाला व्यक्ति उसे नदी से बाहर खींच रहा था। वह उसे नदी से निकालकर एक वृक्ष के नीचे ले गया वह युवा चलने लगा। उस सैनिक अफसर ने उस युवा को पकड़ मंगवाया और उससे पूछा तो उसने कहा, वह स्वयं वही बूढ़ा आदमी है। शरीर युवक का है। मैंने इसके शरीर में प्रवेश कर लिया है तथा मेरा बूढ़ा शरीर उस वृक्ष के झरमुट