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औषधि/दवाइ नहीं है जिसके द्वारा काया को 'मृत्यु' से बचाया. जा सके।
दुनिया में अनेक प्रकार को कलाएँ हैं-संगीतकला, नाट्यकला, वाद्यकला, शस्त्रकला, शास्त्रकला, कवित्व, काव्यकला आदि-आदि, परन्तु दुनिया में ऐसी कोई कला नहीं है जिसके द्वारा मृत्यु को जीता जा सके । दुनिया के बाह्य शत्रु को खत्म करना आसान बात है, परन्तु दुनिया को खत्म करने वाली मृत्यु को मारना किसी के वश की बात नहीं है । पुरुषों की ७२ कलाएं दुनिया में प्रसिद्ध हैं और स्त्रियों की ६४ कलाएँ प्रसिद्ध हैं, परन्तु इन १३६ कलाओं में ऐसी एक भी कला नहीं है, जिसके द्वारा मृत्यु को जीता जा सके, मृत्यु को वश में किया जा सके ।
आधुनिक विज्ञान ने अनेक प्रकार की शोध की है। वायुयान के द्वारा हजारों मील दूर की यात्रा कर सकते हैं । दूर रहे दृश्य को दूरदर्शन पर प्रत्यक्ष निहार सकते हैं। दूर बैठे व्यक्ति से फोन पर परस्पर बातचीत कर सकते हैं। वायरलैस के माध्यम से दूर-दूर तक संदेश पहुँचा सकते हैं। विज्ञान ने अनेक प्रकार की खोज की है, परन्तु मृत्यु के मुख से तो वह भी नहीं बचा सका है।
काल रूपी सर्प अपनी काया का सतत भक्षण कर रहा है।
दुनिया में ऐसा कोई पदार्थ, ऐसी कोई शक्ति या सामर्थ्य नहीं है कि इस काल सर्प से अपनी आत्मा को बचाया जा सके।
दुनिया के पदार्थ प्रतिक्षण नष्ट होते हैं। प्रतिक्षण पदार्थ की पर्याय बदलती जाती है। प्रतिक्षण वस्तु पुरानी होती जा रही है. उसे रोका नहीं जा सकता।
मृत्यु-8
मृत्यु की मंगल यात्रा-113