SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 3
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कृष्णकृपाश्रीमूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद द्वारा विरचित वैदिक ग्रंथरत्न : श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप श्रीमद्भागवतम् (१८ भागों में; शिष्यों के साथ) श्रीचैतन्य-चरितामृत (९ भागों में) भगवान् चैतन्य महाप्रभु का शिक्षामृत श्रीभक्तिरसामृतसिन्धु श्रीउपदेशामृत श्रीईशोपनिषद् अन्य लोकों की सुगम यात्रा कृष्णभावनामृत सर्वोत्तम योगपद्धति लीला पुरुषोत्तम भगवान् श्रीकृष्ण पूर्ण प्रश्न पूर्ण उत्तर द्वन्द्वात्मक अध्यात्मवादः पाश्चात्य दर्शन का वैदिक दृष्टिकोण देवहूतिनन्दन भगवान् कपिल का शिक्षामृत प्रह्लाद महाराज की दिव्य शिक्षा रसराज श्रीकृष्ण जीवन का स्रोत जीवन योग की पूर्णता जन्म-मृत्यु से परे श्रीकृष्ण की ओर कृष्णभक्ति की अनुपम भेंट राजविद्या कृष्णभावनामृत की प्राप्ति पुनरागमन : पुनर्जन्म का विज्ञान . गुरु तथा शिष्य सिद्धि-पथ आत्मान्वेषण की यात्रा दूसरा अवसर प्रचार ही सार है भगवद्दर्शन पत्रिका. (संस्थापक) , अधिक जानकारी तथा सूचीपत्र के लिए लिखें: भक्तिवेदान्त बुक ट्रस्ट, हरे कृष्ण धाम, जुहू, मुंबई ४०० ०४९
SR No.032172
Book TitleJanma Aur Mrutyu Se Pare
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA C Bhaktivedant
PublisherBhaktivedant Book Trust
Publication Year1977
Total Pages64
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy