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देहविवित्तं पेच्छइ न कसायसमुत्थेहि य नवकम्माणायाणं निच्चं चिय जुवइ-पसू निव्वापगमणकाले निंदइ य नियकयाई पढ़मं जोगे जोगेसु पयइ-ठिइ-पएसा परवसणं अहिणंदइ पंचत्थिकायमइयं पिसुणासन्भासन्भूय पुवकयम्भासो पुवप्पमोगग्रो चिय मज्झत्थस्स उ मुणिणो राग-दोस-कसाया रागो दोसो मोहो लिंगाइ तस्स उस्सण्ण विसमंमि समारोह
गाथानुक्रमणिका ६२ | वीरं सुक्कज्झाणग्गि
सत्तवह-वेह-बंधण सद्दाइविसयगिद्धो सद्दाइविसयसाहण सविणारमत्थ-वंजण. सव्वप्पमायरहिया सव्वासु वट्टमाणा | संकाइदोसरहियो संवरकयनिच्छिदं संवर-विणिज्जराम्रो सीयाऽयबाइएहि य सुक्कज्झापसुभाविय सुक्काए लेस्साए
सुणिउणमणाइणिहणं ५० सुविदियजगस्सभावो
हेऊदाहरणासंभवे | होंति कमविसुद्धामो | होति सुहासव-संवर
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