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अर्हम् पूज्यपादाचार्यदेव श्रीमद् विजय दान-प्रेम-रामचन्द्र-भद्रङ्करसद्गुरुभ्यो नमः
कलिकालसर्वज्ञ-श्रीमद्हेमचन्द्रवरिभगवत्प्रणीतं
श्री सिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम्
(स्वोपज्ञबृहवृत्ति तथा न्यायसारसमुद्धार (लघुन्यास) संकलितम् )
द्वितीयो भागः
आद्य-संपादक शासन-सम्राट् पू. आचार्य देव श्रीमद् विजय नेमि सूरीश्वरजी महाराज साहेब
की प्रेरणासे प. पू. आचार्य देव श्रीमद विजय उदयसूरीश्वरजी महाराज.
संपादक
सुविशाल गच्छाधिपति पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय रामचन्द्र सूरीश्वरजी महाराज सा. के शिष्यरत्न अध्यात्मयोगी पूज्यपाद पंन्यास प्रवर
श्री भद्रकर विजयजी गणिवर्य श्री के शिष्यप. पू. आचार्यश्री कुंदकुंद सूरीजीके शिष्य - पूज्य मुनिवर्य श्री वज्रसेन विजयजी म. सा.
सह संपादक . पूज्य मुनिराजश्री रत्नसेन विजयजी म.
प्रकाशक
भेरुलाल कनैयालाल रिलिजीयस ट्रस्ट
चन्दनबाला . बम्बई