________________
५७८
पैतृक ऋण अर्थात् मौरूसी क़र्जा
[सातवां प्रकरण
गयी है कि मुश्तरका खान्दानके जो लोग इनफिनाक रेहन ( रेहनसे छुटाने का हक़ ) रखते हों वे सब रेहनके मुकदमे में फरीक बनाये जायंगे । ___जब बापके किये हुए रेहननामे के मुक़द्दमे में लड़के फरीक न बनाये गये हों तो लड़कोंके लिये सिर्फ एकही मौका उस डिकरीमें उदारी करनेका रहता है या तो वे उज्र दारी उस डिकरीके इजरा होनेपर करें या नया मुक्तहमा डिकरीकी मन्सूखीका दायर करें। मतलब यह है कि अगर लड़के उस रेहनके दावेमें फरीक बनाये जाते तो जो कुछ के जवाब उस वक्त लगाते वही जवाब वे उस समय भी लगा सकते हैं जब कि वे फरीक न बनाये गये हों और उस डिकरीका इजरा उनके लाभके विरुद्ध किया गया हो इससे ज्यादा पुत्रों के लिये उदारीका मौक़ा कोई नहीं है, देखो--8Mad.376;33Cal.676. 21All.356:इस आखिरी केसमें माना गया कि जब पुत्रकेद्वाराबापका स्थानापन्न (Representative) बनाकर दावा किया गया हो तो पुत्रोंकी उदारीका मौका नष्ट हो जाता है
ऐसी डिकरीकी उजदारीमें या नया मुकद्दमा उस डिकरीकी मन्सूखीके लिये दायर करने में जिसमें लड़के फरीक न बनाये गये हों, वे (पुत्र ) अदालत को दिखला सकते हैं और साबित कर सकते हैं कि जिस कर्जेके सम्बन्धमें रेहननामा लिखा गया था वह कर्जा कानूनी और बुरे कामोंके लिये लिया गया था, देखो-रामकृष्ण बनाम बिनायक नरायन 34 Bom. 354; 12 Bom. L. R. 219. मातादीन बनाम गयादीन 31 All. 599. लड़के इन्फि काक रेहन (जायदादको रेहनसे छुटाना ) करा सकते हैं, देखो-4 Mad. 1, 69; 8 Bom. 481; 21 Mad. 222. मगर ऐसे दावेमें सिर्फ यह उज्रदारी काफी नहीं होगी कि हम उस मुकदमे में फरीक नहीं बनाये गये थे, देखो-- लालसिंह बनाम पुलन्दरसिंह 28 All. 182. देवीसिंह बनाम जैराम 25 All. 214. केहरीसिंह बनाम चुन्नीलाल 33 All. 436.
जो लड़का रेहनकी डिकरी हो जानेके बाद पैदा हुआ हो उसको इन्फिनाक रेहनका हक़ नही पैदा होगा, देखो--22 Mad. 372.
कुछ मुक़द्दमोंमें यह कहा गया कि बापके विरुद्ध रेहनकी डिकरी हो या सादे कर्जेकी हो और उस मुक़द्दमे में पुत्र फरीक़ न बनाये गये हों और जायदाद उस डिकरीसे नीलाम होगयीहो तो दोनोंही प्रकार (रेहन और सादे कर्जे) की डिकरियोंमें पुत्रोंको सिर्फ यही एक उपाय बाक़ी रहता है कि वे यह दिखलाये कि वास्तवमें कोई ऐसा क़र्जा नहीं था कि जिससे नीलाम जायज़ समझा जाय, देखो-21 Mad. 222; 11 Mad. 64; 27 All. 16.
रेहनके मुकदमेके समय जो लड़का बापके शरीक न रहा हो उसे भी रेहनसे जायदाद छुपानेके दाया करनेका अधिकार प्राप्त है, देखो-त्र्यम्बक बालकृष्ण बनाम नरायण दामोदर दभोलकर 8 Bom. 481.