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हालकी नजीरें ]
'गार्जियन एण्ड बाईस
नामजूर नहींकी जासकती कि उसे तलाक़ दे दीगई है यदि वह सच्चरित्रवान हो -- मु० जैनम बी बी बनाम अब्दुल करीम 89 I. C. 865.
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- गा० दफा १३ - उस दशामें जब मिसलसे यह साबित नहो कि प्रार्थी की कामिल सुनवाई हुई है और उसे विवादग्रस्त वसीयतनामेके झूठा साबित करनेके लिये काफ़ी शहादतको पेश करनेका मौका दिया गया है--तय हुआ कि मामला दुबारा तहकीकात के लिये वापस भेजा जाय-- यूसूफ़ अली मामूजी बनाम अली भाई 126 Punj. L. R. 255; 87 I. C. 646; A. I. R. 1925 Lah. 567.
- गा० दफा १३ –वलीके नियुक्त करनेकी कार्यवाही सरसरी तौरपर न होना चाहिये । क़ानून शहादतके नियमों और कार्यवाहीपर ध्यान दिया जाना चाहिये अदालतको तहक़ीकात करना और शहादत लेना चाहिये - शिवशंकर बनाम खूबचन्द्र; 83 I. C; 320; A. I. R. 1925 Nag. 233.
- गा० दफा १३ - एक्टके अनुसार किसी व्यक्तिको किसी नाबालिग्रके वली नियत करनेकी आरम्भिक कार्यवाहीके लिये यह आवश्यक नहीं है कि यह साबित किया जाय, कि नाबालिग़के अधिकारमें कोई जायदाद है; और यह भी आवश्यक नहीं है कि प्रार्थी, पहिले वतौर नाबालिग़के वलीके, नाबालिग्र का अधिकार उस जायदादपर, जिसके सम्बन्धमें झगड़ा है स्थापित करे । रामनारायन बनाम मुसम्मात गौरा A. I. R. 1927 Oudh. 69.
-गा० दफा १७-एक नियत डिपाजिट ( जमा ) की रसीद नाबालिग़ (ए) और उसके नाना (बी) के नाम थी और उसका रुपया किसी भी जीवित रहने वालेको प्राप्यनीय था । नाना ( बी) की मृत्युपर, नाबालिग़ (ए) के पिता ने स्वयं अपनेको वली नियत करने की प्रार्थनाकी, किन्तु नाबा - लिग़के मामाने इस बातका इस बिनापर विरोध किया, कि जमा शुदा रुपया का वह अधिकारी है। तय हुआ कि नाबालिग़का पिता उसका वली नियत किया जाना चाहिये - भिरी मल बनाम काशी प्रसाद 93 I. C. 328; 27 Punj L. R.158.
- गा० दफा १७ - किसी नाबालिग़ लड़कीके वली नियत करने में अदालत का कर्तव्य है कि वह उसकी भलाई और लाभपर भली भांति विचार करे-एक नाबालिग शिया लड़कीका सुनीके साथ व्याहा जाना-- बालिग़ होनेपर लड़की का शादी से इन्कार करना-- ऐसी अवस्था में आया पति उचित व्यक्ति है जो वली नियत किया जासकता है ? श्रमातुल फतीमा बनाम अली अक़बर 30. W. N. 195.
- गा० दफा १७ - जब इस बातके जाहिर करने के लिये, मिसल में कुछ न हो, कि प्रार्थी नाबालिगोंका वली होनेके लिये अज़हद ख्वाहां है और उनके