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________________ गा०दफा ५१-५३ ] गार्जियन एण्ड वाईस - दफा ५३ एक्ट नं० १४ सन् १८८२ ई० पुराने जाबता दीवानीका प्रकरण ३१, नये जाबता दीवानी ऐक्ट नं० ५ सन १६०८ ई० के द्वारा रद होगया है । ( अब नये जाबता दीवानीके अनुसार विचार किया जायगा ) नीचे संख्या व वर्ष सन् १८०४ ई० का एक्ट नं० ५ सन् १८३९ ई० का एक्ट नं० १० सन् १८५८ ई० का एक्ट नं० १४ सन् १८५८ ई० का एक्ट नं० ४० सन् १८६१ ई० का एक्ट नं० ६ सन् १८६४ ई० का एक्ट नं० २० सन् १८६६ ई० का एक्ट नं० १४ सन् १८७० ई० का एक्ट नं० ७ सन् १८७२ ई० का -एक्ट नं० ४ सन् १८७३ ई० का एक्ट नं० १९ सूची ( Schedule ) क़ानून मंसूख किये गये देखो दफा २ नाम - विषय कोर्ट आव वार्ड्स माइनर इस्टेट्स नाबालिग (मद्रास ) (Minors ) नाबालिग (बङ्गाल ). सन् १८७० ई० का कोर्ट फीस एक्ट सन् १८७२ ई० का लाज़ एक्ट उत्तरी, पञ्चमीय प्रदेश का सन् १८७३ ई० का क़ानून लगान किस हद तक रद किया गया है दफा २०, २१ और २२ दफा ३ सबका सब नाबालिग ( Minors ) | सबका सब नाबालिग़ (बम्बई ) सन् १८६६ ई० का बाम्बे सिविल कोर्ट एक्ट ४११ उतने भागको छोड़कर जो रद नहीं किया गया है वाक़ी सब एक्ट सबका सब दफा १६ के पिछले हिस्से को छोड़कर जो रद नहीं किया गया है वाक़ी सब दफा ११ (एच) व पहिली सूचीका १०वां आर्टिकल उस हद तक जितना कि | सन् १८५८ई ० के ४०वे एक्ट से सम्बन्ध रखता है दफा २५८
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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