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________________ दफा ३६४-३६५ ] नाबालिगी और वलायत ( ४ ) अज्ञान की जात या जायदादकी निगरानी रखने वाले आदमीका नाम और रहने की जगह । ३३ (५) अज्ञानके नज़दीकी रिश्तेदार कौन कौन हैं और वह कहां रहते हैं ( ६ ) अगर किसी आदमी ने जो मजाज़ वली नियत करनेका हो, किसी आदमी को वली नियत कर दिया हो तो बताना चाहिये कि वह वली जातका है या जायदादका या दोनोंका और उसका पता क्या है । (७) क्या कभी अज्ञान के वली नियत करने के बारे में कोई अर्जी किसी अदालत में की गई है ? और अगर की गई हो तो उसका परिणाम क्या हुआ । ( ८ ) यह अर्ज़ किस लिये कीगई है ? अज्ञानकी जात के लिये, या जायदाद के लिये, या जात और जायदाद दोनोंके वली नियत करने के बारेमें है; या कि सिर्फ घोषणा कर देनेके बारेमें है । ( 8 ) क्या यह अर्ज़ी किसी वली नियत करनेके बारेमें है ? या किसी तजवीज़ किये हुए वलीकी योग्यताके बताने के बारेमें । (१०) क्या अर्ज़ी किसी आदमीको वली ज़ाहिर करदेने बारेमें है ? जो खास शर्तोंपर अपने को वली बनाना चाहता है । ( ११ ) किस सबबसे अर्ज़ी दी गई है ( अर्जी देनेके कारण लिखना चाहिये ) ( १२ ) अगर कोई दूसरी बातें हों तो वह भी सब ज़ाहिर कर देना चाहिये । अगर कोई वली तजवीज़ किया गया हो तो, अर्ज़ी के साथ उस तजवीज़ किये हुए वलीकी रज़ामंदी और उस रज़ामंदीपर वलीके दस्तखत तथा कमसे कम दो गवाहोंके दस्तखत होना चाहिये। अगर कलक्टर साहेब ने वली के नियत किये जाने की अर्ज़की है तो वह चिट्ठीकी शकल में पोस्ट के द्वारा या किसी आदमी के द्वारा अदालतमें भेजी जायगी। उसमें भी सब बातें होंगी जो ऊपर बताई गई हैं । गार्जियन एण्ड वाईस ऐक्टके अनुसार तज़वीजपर उन त्रुटियों तथा कमियोंके कारण, जो मध्य प्रदेशके कोर्डके अनुसार हों, एतराज नहीं किया जासकता। यदि किसी डिस्ट्रिक जज द्वारा, वली सम्बन्धी मामले में पैतृक अधिकारके अनुसार अमल किया गया हो, और उसकी तजवीज़ प्रमाणयुक्त और मान्य हो, तो उसमें अपील करनेपर तब्दीली नहीं हो सकती । देखोमु० खुन्दी देवी बनाम छोटेलाल 83 I. C. 288; A. I. R. 1925 All 338.
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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