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________________ दफा ३०१-३०४] दत्तक सम्बन्धी अन्य जरूरी बातें ३२३ मगर कोई दूसरी औरत किसी लड़केको गोद नहीं ले सकती। जैसे मा अपने घेटेके लिये अथवा बहन अपने भाईके लिये गोद नहीं लेसकती। स्त्री भी अपने पतिकी ज़िन्दगीमें गोद नहीं ले सकती, मगर वह पतिसे पाये हुए अधिकार के द्वारा उसके मरनेपर गोद ले सकती है हिन्दुस्थानके कुछ भागोंमें माना गया है कि वह बिना अधिकार पाये हुए भी पतिके लिये दत्तक लेसकती है। अगर किसी विधवाने खास अपने लिये लड़का दत्तक लिया होतो उसे विधवा के पति की जायदादमें कोई हक नहीं मिलता और विधवाके मरनेपर भी उस दत्तक पुत्र को जायदादमें कुछ नहीं मिलेगा-देखो-चौधरी बनाम कोयर (809) 12 M. I. A. 300, 356; नरेन्द्र बनाम दीनानाथ ( 1909 ) 36 Cal. 824. अब किसी विधवाने खास अपने लिये दत्तकपुत्र लियाहो, और वह उसे छोड़कर मरगई हो, तो विधवाका खास जायदादका भी मालिक इत्तक पुत्र नहीं होसकता। दफा ३०३. वेश्या या नायकिनका लड़की दत्तक लेना कलकत्ता और बम्बई प्रान्तोंके फैसलोंसे तय हो चुका है कि, इन प्रान्तों के अन्तर्गत कोई वेश्या या नायकिन या नाचने गानेका पेशा करनेवाली औरत लड़की को दत्तक नहीं लेसकती अगर लेगीतो नाजायज़ होगा, क्योंकि वह कानूनन् नाजायज़ है । मुक्कामी रवाजसे भी साबित हो चुका है कि ऐसा इत्तक नाजायज़ है। मदरास हाईकोर्ट के अन्तर्गत फैसला किया गया है कि ऐसी दत्तक जायज़ है, यदि वह उसके पेशेके लिये न लिया गया हो, अर्थात् दत्सक, नाचने, गाने या वेश्याके कामके लिये न लिया गया हो। दोनों किस्मके फैसले देखो-नाथूराम बनाम ईसू ( 1880 ) 4 Bom. 545; हीरा बनाम बाधा ( 1913 ) 37 Bom. 117; हेनकोवर बनाम हंसकोवर ( 1818)2 Morl. Dig. 133; मनजामा बनाम शेषगिरिराब ( 1902 ) 26 Bom. 491, 495; मदरासकी नज़ीरें देखो - वेंकू बनाम महालिंग (1888 ) 11 Mad. 393; मुटूकानू बनाम पारामासामी ( 1888 ) 12 Mad. 214. देखो दफा २२०, ११६. दफा ३०४ पुरुष, दत्तकमें लड़काही लेसकता है लड़की नहीं पुरुषको दत्तकमें लड़काही लेना चाहिये लड़की नहीं लेना चाहिये इस कायदेके अनुसार लड़का ही दत्तक लिया जासकता है लड़की नहीं । एक ब्राह्मणने एक लड़की, इस गरजसे दत्तक ली, कि वह उसे अपनी लड़कीकी जगह पर कायम करे; मगर धर्मशास्त्र के और रवाज के अनुसार वह आयज़ करार नहीं दी गयी देखो-गङ्गाबाई बनाम अनन्त ( 1888) 13 Bom. 690.
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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